आप सब ने महाभारत तो पढ़ी होगी अगर नहीं पढ़ी तो सुनी तो होगी ही | हम सब जानते है की द्रोपदी के पांच पति थे इस कारण उन्हें पांचाली कहाँ जाता था | महाभारत पुराण के अनुसार द्रोपदी को पांच पति उसकी इच्छा से मिले थे दरसल द्रोपदी ने पांच गुण वाले पति की मांग की थी जो एक व्यक्ति में होना संभव नहीं था इसलिए इस वरदान के कारण द्रोपदी की शादी पांच व्यक्तियों से हुई |
दरसल द्रोपदी ने भगवान शिव से पहले 14 गुण वाले पति का वरदान मांगा लेकिन भगवान शिव ने इसे प्रकृती के विरुद्ध बताया था उन्होंने कुछ और मांगने को कहाँ इस पर द्रोपदी में 5 गुण वाले पति की मांग की, किसी एक व्यक्ति में ये सभी गुण होना संभव नहीं था इसलिए भगवान शिव ने द्रोपदी को पांच पतियों का वरदान दिया | इसी कारण द्रोपदी की शादी पांच पतियों से हुई |
भविष्य पुराण के अनुसार द्रोपदी अपने पिछले जन्म में विधवा का जीवन व्यतीत कर रही थी अत: उन्होंने भगवान शिव की कठोर आराधना की जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने को कहाँ द्रोपदी ने अपने अगले जन्म में 14 गुण वाले पति का वरदान मांगा | लेकिन भगवान शिव के कहने पर उसने 14 गुण वाले पति की जगह 5 गुण वाले पति का वरदान मांगा | द्रोपदी ने धार्मिक, शक्तिशाली, महान धनुर्धर, धैर्यवान और रूपवान गुण वाले पति का वरदान मांगा परिणामस्वरूप द्रोपदी को 5 गुण वाले पांच पति मिले जो थे - धर्मराज युधिष्ठिर, महाबली भीम, महान धनुर्धर अर्जुन, धैर्यवान नकुल और रूपवान सहदेव | इसी के साथ भगवान शिव ने द्रोपदी को प्रत्येक दिन स्नान के बाद पवित्र अतार्थ कुंवारी होने का वरदान भी दिया |
द्रोपदी को उन महिलाओ में गिना जाता है जिन्होने अत्याचार, व्यभिचार व् अन्याय के खिलाफ कठोर विरोध दर्ज करवाया था | भविष्य पुराण में द्रोपदी को एक महान नारी बताया गया है |
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